Class 9 Hindi Kshitiz chapter 4 question answer do Sanwle Sapnon ki yaad

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz chapter 4 question answer do Sanwle Sapnon ki yaad is a part of NCERT Solution Class 9 Hindi.

Here you are going to get NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz chapter 4 question answer Sanwle Sapnon ki yaad साँवले सपनों की याद. Please read all the answers and note down them in your notebook.

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?

उत्तर – जब सालिम अली छोटे थे तब वह एयरगन चला रहे थे तो उस गन से उनसे एक गौरैया घायल हो गयी थी, जिससे वह भूमि पर आकर के गिर गयी थी। इस घटना के बाद से ही उनके जीवन की पूरी दिशा बदल गयी। उसके बाद से ही वह गौरैया की देखभाल और उनकी खोजबीन में लग गए और उनकी सुरक्षा मैं जुट गए। सुरक्षा मैं जुट गए। समय में परिवर्तन और उनके शोध के बढ़ने के साथ साथ उनकी पूरी रूचि पक्षियों के संसार के अंदर हो गयी और वह पक्षियों के सबसे बड़े प्रेमी बन गए।

प्रश्न 2 – सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?

उत्तर – हमारे देश के पूर्व प्रंधानमंत्री चौधरी शरण सिंह को सालिम अली ने रेगिस्तानी हवा और साथ ही गरम झोकों के दुष्प्रभाओं के बारे में बताय। उन्होंने बताया की यदि अगर इन गरम हवाओं से केरल की साइलेंट वेलीको नहीं बचाया गया तो उसके ख़तम होनें का खतरा उत्पन्न हो गय। ऐसा जानकार प्रकृति के लिए उनकी ऑंखें पूरी तरह से नम हो गयी।

प्रश्न 3 – लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि ‘‘मेरी छत पर बैठने वाली गौरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”

उत्तर – लॉरेंस को गौरैया बहुत ज्यादा पसंद थी यह बात लॉरेंस की पत्नी को भलीभांति पता था। लॉरेंस अपना अधिक से अधिक समय गौरैया के साथ व्यतीत करते थे। गौरैया लॉरेंस के साथ बिलकुल किसी एक अतरंग दोस्त की तरह उनके साथ रहती थी और प्रेम करती थी। लॉरेंस के इतने गहरे पक्षी प्रेम को ही उनके सामने प्रगट करने के लिए उन्होंने यह वाक्य कहा।

प्रश्न 4 – आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।

उत्तर – लॉरेंस की बात करें तो, लॉरेंस बनावट की दुनिया से खुद का दूरों का नाता रखते थे और सामान्य जीवन ही सदैव व्यतीत करते थे। प्रकृति से सर्वाधिक प्रेम था उनको और प्रकृति के संरक्षण के लिए ही चिंता में डूबे रहते थे। उनकी तरह ही सालिम अली भी प्रकृति की सुरक्षा के लिए चिंतित रहते थे और उनकी देखभाल करते थे एवं साधारण जीवन जीते थे।

(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!

उत्तर – संसार में एक मृत्यु ही है जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति सांसारिकता से दूर होकर हमेशा के लिए निद्रा और विश्राम प्राप्त कर लेता हैं। व्यक्ति गाना, हंसना, बोलना और चलना-फिरना सब कुछ बंद हो जाता है। जैसा की हमने मौत की गोद में विश्राम कर रहे सालिम अली की स्थति को देखा। अब उनको भी कभी उस स्थति से पहले जैसी अवस्था में नहीं लाया जा सकता था।

(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।

उत्तर – समुद्र में टापू एक उभरा हुआ छोटा भू-भाग होता है जबकि सागर अत्यंत विशाल और विस्तृत होता है। सालिम अली भी प्रकृति और पक्षियों के बारे में थोड़ी सी जानकारी से संतुष्ट नहीं होने वाले थे। वह भी इनके बारे में सभी जानकारी प्राप्त करके सागर की तरह बनना चाहते थे।

प्रश्न 5 – इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।

उत्तर – हमारे इस पाठ ” सांवले सपनों की याद ” की भाषा की शैली के 4 प्रकार हैं –

मिश्रित शब्दावली का उपयोग –

‘साँवले सपनों की याद’ पाठ में संस्कृत, उर्दू और तद्भव शब्द का प्रयोग है। पाठ में उर्दू शब्दों का अधिक प्रयोग किया गया है। उदहारण के लिए – खामोश, हुजूम, परिंदा, खूबसूरत, सफर, तमाम, खुद, आखिरी। साथ ही साथ हिंदी शब्दों का भी अधिक से अधिक मात्रा में प्रयोग किया गया है। उदाहरण के लिए – संभव, अंतहीन, पक्षी, वर्ष, विश्राम, वाटिका और प्रतिरूप आदि।

जटिल वाक्यों का उपयोग –

जाबिर हुसैन जी की वाक्य रचना बहुत ही ज्यादा जटिल है। वे बिलकुल भी सरल और सीधे-साधे शब्दों के प्रयोग नहीं करते थे। जाबिर हुसैन जी के वाक्यों में कलात्मकता सर्वाधिक दिखाई देती है। उदहारण के लिए –

अलंकारों का उपयोग –

जाबिर जी सदैव अलंकार की भाषा में ही ही लिखा करते थे, जाबिर जी के अलंकारों में दो अलंकार हमे अधिक दिखाई देते हैं। उपमा और रूपक का प्रयोग निम्न हैं –

भावानुरूप भाषा का उपयोग –

जाबिर हुसैन जी भाव के अनुरूप ही शब्दों और वाक्यों की प्रकृति को बदल देते हैं। उदहारण के लिए अगर देखें तो वे कभी-कभी छोटे छोटे वाक्य प्रयोग करते हैं –

प्रश्न 6 – इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – अगर हम बात करें सलीम अली जी के चरित्र की जो हमें इस पाठ में दिखाई देता है की वह किस प्रकार के व्यक्ति थे, तो वह निम्न हैं –

सालिम अली बहुत ही प्रशिद्ध पक्षी-वैज्ञानिक होने के साथ-साथ प्रकृति प्रेमी भी थे। एक बार जब नीले कण्ठवाली गौरैया उनके एयरगन से घायल हो गयी थी तो उसको बचने के प्रयास और उसकी हिफाज़त करने के लिए जो प्रयास उन्होंने किया, जानकारी इकठ्ठी की इन सब चीज़ों ने उनको पक्षी-प्रेमी बना दिय। उन्होंने दूर-दूर तक घूम-घूमकर पक्षियों के बारे में जानकारी इकठ्ठी की। वह हमेशा उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित रहते थे। वह प्रकृति की दुनिया के बारे में सब कुछ जानने को परेशान थे और उन्होंने यह किया भी। उन्होंने साइलेंट वेली और रेगिस्तानी हवा के बारे में भी प्रधानमंत्री को बताया था। वह प्रकृति की दुनिया के अथाह सागर जैसे बन गए थे।

प्रश्न 7 – ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर – यह पाठ देखा जाये तो रहस्यों से भरा हुआ है। जो भी व्यक्ति इस पाठ को पढता है वह उत्सुकता से भर जाता है और जानने की इच्छाएं जाग जाती हैं। आखिर किस प्रकार के सपने किसके लिए सपने और कौन से सपने। आखिर ये सांवले सपने क्यों हैं। आखिरकार कौन इन सभी सपनों की याद में आतुर है। जैसा की हम जानते हैं की सांवले सपने मनमोहक इच्छाओं के प्रतीक हैं। ये सभी सपने सिर्फ प्रसिद्ध पक्षी-प्रेमी सालिम अली से संबंधित है। वे पूरी जिंदगी सुनहरे पक्षियों की ही दुनिया में खोये रहे थे। वे उनकी सुरक्षा और उन पक्षियों के संरक्षण के लिए कार्य करते रहे। सालिम अली जैसे सपने हर किसी को नहीं आते हैं। उनके जितना हर कोई पक्षी के प्रेम में इतना ज्यादा नहीं डूब सकता। इन्हीं सब कारणों की वजह से लेखक को सांवले सपनों की याद आ गयी जो सालिम अली जी के आँखों में बसा करते थे। इस पाठ का शीर्षक बहुत ही सार्थक है परन्तु बहुत रहस्यों से भरा हुआ भी है। जिस तरह चन्दन को घिसा जाता है उसी प्रकार से घिस घिस कर इसके अर्थों और प्रभाव तक पहुंचा जा सकता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8 – प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर – ” सांवले सपनों की याद ” इस पाठ में सलीम अली जी ने पर्यावरण के प्रति अपनी कठोर चिंता दर्शाई है। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री से मुलाक़ात करके केरल की सेलेन्ट वेली और रेगिस्तान की गरम हवाओं के बारे में उनको समझाया और बचने के लिए उपाय बताया। इसी तरह से हमें भी अपने पर्यावरण को बचने के लिए निम्न तरीकों से प्रयास करना चाहिए। जैसे –

– हमें अपने आस-पास की खली पड़ी जमीन पैर अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।

पेड़ों को काटने से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलने चाहिए।

पत्तियों आदि को जलाने से बचना चाहिए उनको खाद बनाने के लिए प्रयोग करना चाहिए।

पेड़ पौधों के महत्व के बारे में अधिक से अधिक दूसरों को बताना चाहिए।

जल के सभी श्रोतों को दूषित करने से बचना चाहिए और औरों को भी रोकना चाहिए।

फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित अपशिष्टों को नदियों में नहीं मिलने देना चाहिए।

प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।

हर वस्तु का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए और बार बार करना चाहिए।

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz chapter 4 question answer Sanwle Sapnon Ki Yaad is a part of NCERT Solution Class 9 Hindi.

Thanks to Digi Different you can also visit my YouTube channel Digi Different for tech and digital marketing related to videos.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *