class 9 chapter 16 yamraj ki disha

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 16 यमराज की दिशा

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 16 Question Answer Yamraj Ki Disha is a part of NCERT Solution Class 9 Hindi.

Here you are going to get NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 16 Question Answer Yamraj Ki Disha. Please read all the answers and note down them in your notebook.

प्रश्न 1 – कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई?

उत्तर – कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी भी मुश्किल का सामना इसलिए नहीं करना पड़ा क्योंकि उनकी मां बार-बार उनको समझाती थी अर्थात बचपन से ही उन्हें गहरे संस्कार मिले हुए थे।

प्रश्न 2 – कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था?

उत्तर – दक्षिण दिशा को लाँघ लेना संभव इसलिए नहीं था क्योंकि दक्षिण दिशा का कोई और छोर है ही नहीं। दक्षिण दिशा अनंत है प्रतीकार्थ यह है कि शोषण व्यवस्था का कोई निश्चित रूप होता ही नहीं है, यह मनु भावना के अनुसार नए-नए प्रकार के रूप धारण करती रहती है और यह अमर रहती है। इसीलिए कोई भी व्यक्ति या कोई भी जीवित प्राणी हमेशा के लिए इससे मुक्त नहीं हो सकता।

प्रश्न 3 – कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?

उत्तर – कवि के अनुसार यदि देखा जाए तो दक्षिण दिशा दक्षिणपंथी विचारधारा या पूंजीवादी विचारधारा का प्रतीक है। यह विचारधारा पूंजीवाद एवं सोच को बढ़ावा देती है। कवि को आज के समय की स्थितियां देखकर यह लगता है कि आज के समय में हर तरफ पूंजीवादी सोच का ही बोलबाला हो गया है जहां भी देखा जाए वहां पर आम मनुष्य का शोषण हो रहा है।

प्रश्न 4 – भाव स्पष्ट कीजिए-

सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं।
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं।

 

उत्तर – भाव यह है कि शोषण करने वाले व्यक्ति यमराज की तरह क्रूर होते हैं। वह सभी जगह पर ठाठ बाट से निवास करते हैं। सभी जगह पर उनका एक सा हाल है। वह क्रोध घृणा एवं क्रूरता से भरे हुए हैं वह लोग सभी के साथ कठोर पन से पेश आते हैं।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5 – कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी-

(क) वह आपको क्या सीख देती हैं?

उत्तर – (क) मेरी मां भी मुझको समय-समय पर गरीब व्यक्तियों पर दया करने, मुझसे बड़ों का आदर करने, एवं गुरुओं का सम्मान करने और साथ ही साथ इमानदारी की राह पर चलने की सीख देती है।

(ख) क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?

उत्तर – (ख) जी हां मेरी मां मुझे बहुत अच्छी सीख देती है और वह मुझे उचित जान पड़ती है क्योंकि इसका कारण यह है कि यदि मैं अपनी मां के जगह होता और किसी को उपदेश देता तो मैं भी इसी तरह से ही देता। मैं अपने से छोटों या जो मुझ पर आश्रित हैं उनको भला बनने का ही सलाह देता। निस्वार्थ भाव से किसी के लिए भला करना ही सबसे सर्वोत्तम उपाय है।

प्रश्न 6 – कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर – मनुष्य के मन में शुभ एवं अशुभ दोनों प्रकार के भाव हैं। कभी-कभी मनुष्य के अंदर का अशुभ मनोभाव बहुत ही अधिक जागृत हो उठता है, और जब यह होता है तो वह खून हत्या जैसे घिनौने काम को भी कर बैठता है इसी स्थिति से मनुष्य को बचने के लिए ईश्वर का वह दिखाना बहुत ही आवश्यक है। जब व्यक्ति ईश्वर से भयभीत होता है तो वह मन से ही मर्यादित हो जाता है और फिर वह निष्पाप अहिंसक और भला व्यक्ति बन जाता है।

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