khilafat andolan

इस पोस्ट में हम आपको खिलाफत आंदोलन – Khilafat Andolan के बारे में पूरी जानकारी देंगे की आखिर यह कैसे शुरू हुआ एवं क्या इसकी जड़ें थी।

प्रथम विश्वयूद्ध के बाद ही खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई ऐसा क्या हुआ की हिन्दू मुस्लिम एक साथ अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हो गए। ब्रिटैन ने प्रथम विश्वयूद्ध जितने के बाद ऑटोमन साम्राज्य पर कुछ ऐसी संधि लगाई जिससे मस्लिम लोगों में आक्रोश जाग उठा। उन्हें लगा की उनके खलीफा को समाप्त किया जा रहा, उनका साम्राज्य खतरे में हैं। चलिए जानते हैं की क्या था खिलाफत आंदोलन और क्या थी वह संधियां आखिर कैसे खलीफा इससे सम्बंधित है। खिलाफत आंदोलन (Khilafat Andolan)

खिलाफत आंदोलन के मुख्य बिंदु

खिलाफत आंदोलन 
खिलाफत आंदोलन के शुरू होने के कारण 
भारत में खिलाफत आंदोलन 

खिलाफत आंदोलन (Khilafat Andolan)

खिलाफत का मतलब होता है खलीफा का विरोध करना। खलीफा मुस्लिमों के आध्यात्मिक नेता को कहा जाता है अथवा ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान को खलीफा कहा जाता है। खिलाफत आंदोलन खलीफा के पद को खत्म करने से सम्बंधित है। 

खिलाफत आंदोलन के शुरू होने के कारण

प्रथम विश्वयूद्ध में ही ब्रिटैन ने कहा था की अगर धुरी राष्ट्र हार जाती है तो ऑटोमन साम्राज्य से खलीफा के पद को हटा कर एक नई लोकतांत्रिक व्यवस्था लाई जाएगी। ब्रिटैन के इस बयान की वजह से पूरी दुनिया में हंगामा मच गया क्योंकि खलीफा का पद मुस्लमानो के लिए एक इज्जतदार माना जाता था। खलीफा राजनैतिक और आध्यात्मिक गुरु होते थे। मुस्लमान इस बात से परेशान थे की अगर खलीफा के पद को ख़त्म कर दिया जाता है तो देश के सभी धार्मिक स्मारक खलीफा का अधिपत्य समाप्त हो जायेगा। नई लोकतान्त्रिक व्यवस्था के अंतर्गत धर्म के गरिमा को नुक्सान हो सकता है यही कारण था की दुनिया भर के मुस्लमान आंदोलन पर उतर आए थे। खिलाफत आंदोलन (Khilafat Andolan)

भारत में खिलाफत आंदोलन कैसे शरू हुआ ?

खलीफा को ख़त्म करने की बात ब्रिटिश सरकार ने कही थी और उस समय भारत में भी ब्रिटिश सरकार शासन कर रही थी इसी प्रकार भारत में भी (1919-20) में खिलाफत आंदोलन शुरू हुआ। 

भारत में खिलाफत आंदोलन का शुरू होना

भारत में खिलाफत आंदोलन की नीव 1919 में राखी गई थी। इस आंदोलन के संचालन के लिए एक कमेटी का गठन हुआ जिसक नेतृत्व अली बंधुओं ने किया अली बंधू यानि मोहम्मद अली और शौकत अली। इस कमेटी ने अखिल भारतीय खिलाफत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था इसमें देशभर के सभी बुद्धिजीवी मुसलमानो को आमंत्रित किया गया और इसकी अध्यक्षता महात्मा गाँधी ने की थी। खिलाफत आंदोलन शुरू होने के दौर में भारत के राष्ट्र आंदोलन कमजोर पड़ रहे थे जिसके कारण एक बड़े आंदोलन की आवश्यकता थी और यहीं से गाँधी जी ने सोच लिया की हिन्दू मुस्लिम में एकता बनाने के लिए यह बहतरीन मौका है और गाँधी जी ने खिलाफ आंदोलन को बढ़ चढ़ कर समर्थन दिया इसके बाद अखिल भारतीय खिलाफत कॉन्फ्रेंस ने यह फैसला किया की अगर खिलाफत की मांगों को नहीं पूरा किया तो सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू किया जायेगा। एक तरफ भारत में यह आंदोलन जोर पकड़ने लगा तो दूसरी तरफ आंदोलन की शुरुआत जहां से हुई थी वहां से खबर आई साल 1922 में मुस्तफा कमाल पाशा के नेतृत्व में ऑटोमन साम्राज्य के लोगो ने ही खलीफा को सत्ता से बेदखल कर दिया जिसके बाद अलग-अलग जगह पर खिलाफत आंदोलन समाप्त हो गया। खिलाफत आंदोलन (Khilafat Andolan)

इस पोस्ट में हम आपको खिलाफत आंदोलन – Khilafat Andolan के बारे में पूरी जानकारी देंगे की आखिर यह कैसे शुरू हुआ एवं क्या इसकी जड़ें थी।

Thanks to visiting Digi Different you can also visit my YouTube channel Digi Different for tech and digital marketing related to videos. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद
Read our more posts NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 1NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद खिलाफत आंदोलन (Khilafat Andolan)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *