Bhartiya Rashtriya Congress

In this post we are going to discuss about the भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Bhartiya Rashtriya Congress)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Bhartiya Rashtriya Congress)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Bhartiya Rashtriya Congress) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को ए.ओ. ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और दिनशा वाचा जैसे नेताओं ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय जनता के राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्ष करना और ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों की समस्याओं को सामने लाना था। कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आजादी के बाद भी भारतीय राजनीति में प्रमुख स्थान बनाए रखा है।

प्रारंभिक वर्ष

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Bhartiya Rashtriya Congress) की स्थापना के समय इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग करना और भारतीय जनता की समस्याओं को सुलझाना था। प्रारंभिक वर्षों में कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार से अधिक अधिकारों की मांग की और भारतीयों के राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया। इस दौर में कांग्रेस के नेता ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादार थे और उनकी नीतियों के तहत सुधारों की मांग करते थे।

उदारवादी और गरमदल

कांग्रेस के शुरुआती नेताओं में दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता और गोपाल कृष्ण गोखले जैसे उदारवादी नेता थे, जो संविधानिक उपायों और शांतिपूर्ण तरीकों से सुधारों की मांग करते थे। लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में कांग्रेस के भीतर दो धड़े बन गए – उदारवादी और गरमदल। गरमदल के नेताओं में बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल शामिल थे, जो अधिक आक्रामक और संघर्षपूर्ण तरीके से ब्रिटिश शासन का विरोध करने के पक्षधर थे।

महात्मा गांधी का आगमन

1915 में महात्मा गांधी के भारतीय राजनीति में आगमन के साथ ही कांग्रेस का स्वरूप बदल गया। गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित आंदोलनों की शुरुआत की। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन जैसे आंदोलनों के माध्यम से भारतीय जनता को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल किया। गांधीजी के नेतृत्व में कांग्रेस एक जन आंदोलन बन गई और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा मिली।

स्वतंत्रता संग्राम और कांग्रेस

कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1930 के दशक में सविनय अवज्ञा आंदोलन और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश शासन को हिला दिया। कांग्रेस ने भारतीय जनता को संगठित किया और स्वतंत्रता के लिए एकजुट किया। 1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, कांग्रेस देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बनी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत की पहली सरकार बनाई।

आज की कांग्रेस

स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई दशकों तक केंद्र और राज्यों में सरकारें बनाईं। लेकिन समय के साथ कांग्रेस के सामने कई चुनौतियाँ आईं और पार्टी में आंतरिक संघर्ष भी हुए। वर्तमान में, कांग्रेस भारतीय राजनीति में एक प्रमुख विपक्षी दल के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है और देश की राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए संघर्षरत है।

निष्कर्ष

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Bhartiya Rashtriya Congress) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रही है और भारतीय राजनीति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कांग्रेस ने स्वतंत्रता के संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया और स्वतंत्र भारत की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि वर्तमान में कांग्रेस के सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन इसका इतिहास और योगदान भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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