Bharat Mein Udarikaran

In this post we are going to discuss about the Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण) भारत में उदारीकरण 1991

इस पाठ में आप समझने वाले हैं भारत 1991 में लागू की गयी उदारीकरण के, इस पाठ में उदारीकरण के सभी बिंदुओं को आप समझेंगे।

भारत में उदारीकरण Bharat Mein Udarikaran

आजादी के इतने समय के बाद 1991 का वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक तरह से सबसे महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। जिसका कारण था की इसी वर्ष में भारतीय सरकार ने आर्थिक उदारीकरण की दिशा में सबसे अधिक महत्वपूर्ण कदम उठाए, जो भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा की ओर ले गए। इन सुधारों का सबसे पहला उद्देश्य भारतीय बाजार को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए खोलना था। भारत के आर्थिक विकास को गति प्रदान करना और विदेशी निवेश को अधिक प्रोत्साहित करना था। Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण)

पृष्ठभूमि

सन 1991 के आर्थिक सुधारों की पृष्ठभूमि में बहुत ही गंभीर आर्थिक संकट था। 1980 के दशक के अंत में, भारत को भारी बरकम राजकोषीय घाटे और विदेशी मुद्रा के संकट का सामना करना पड़ा। हमारे देश के पास मात्र कुछ ही हफ्तों का विदेशी मुद्रा भंडार बचा हुआ था। इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए, भारत को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ऋण लेना पड़ा, और इसके बदले में IMF ने भारत से आर्थिक सुधारों की मांग की। Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण)

उदारीकरण के प्रमुख सुधार

1. औद्योगिक नीति में सुधार – भारत में 1991 में ही नई औद्योगिक नीति की घोषणा की गई, जिसमें लाइसेंस राज को समाप्त कर दिया गया। इस कदम से उद्योगों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना बहुत ही आसान हो गया और देश के क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया। Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण)

2. विदेशी निवेश – देश में विदेशी निवेश को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नियमों को सरल बनाया गया। विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को और अधिक बढ़ाया गया एवं विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान कर दी गई।

3. विनियमन और नियंत्रण – देश के कई क्षेत्रों में सरकारी नियंत्रण और विनियमन को बहुत ही कम किया गया। इससे व्यापार करने में आसानी हुई और प्रतिस्पर्धा की भी बढ़ोत्तरी हुई।

4. राजकोषीय नीति – देश के राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सरकारी खर्चों में कटौती की गयी और टैक्स में भी सुधार किए गए। इसका उद्देश्य सरकारी वित्त को स्थिर करना और अर्थव्यवस्था में स्थिरता को लाना था।

5. विनिवेश – देश के सरकारी उपक्रमों में विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की शुरुआत की गई, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी और अधिक बढ़ी और सरकारी उपक्रमों की कार्यक्षमता में भी सुधार हुआ।

उदारीकरण के प्रभाव

देश के 1991 के आर्थिक सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत ही व्यापक प्रभाव डाला। सुधारों के परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत तेज वृद्धि हुई और विदेशी निवेश में भी बहुत तेजी से वृद्धि हुई। भारतीय उद्योगों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी और उत्पादन क्षमता में काफी ज्यादा सुधार हुआ। सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से आईटी और बीपीओ में तेज वृद्धि देखी गई, जिससे रोजगार के और अधिक नए अवसर पैदा हुए। Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण)

चुनौतियाँ और आलोचना

हालांकि वहीँ देखें तो उदारीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ और आलोचनाएँ भी हमारे सामने आईं। देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर इन सुधारों का नकारात्मक प्रभाव पड़ा और लोगों में आर्थिक असमानता बढ़ी। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति पहले की तरह ही धीमी रही और शहरी क्षेत्रों में अधिक ध्यान केंद्रित हुआ। Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण)

निष्कर्ष

1991 का उदारीकरण भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत ही निर्णायक और सही मोड़ साबित हुआ। 1991 के इन सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि उदारीकरण की चुनौतियाँ और आलोचनाएँ भी रहीं, लेकिन कुल मिलाकर यदि देखें तो उदारीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मजबूती भी प्रदान की और इसने देश को विकास की दिशा में अग्रसर किया। Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण)

Thanks to visiting Digi Different you can also visit my YouTube channel Digi Different for tech and digital marketing related to videos. In this post we have discussed about the Bharat Mein Udarikaran (भारत में उदारीकरण) Read our more posts NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 1NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *