Bharat Ka VibhajanBharat Ka Vibhajan

In this post we are going to discuss about the Bharat Ka Vibhajan भारत का विभाजन.

भारत का विभाजन Bharat Ka Vibhajan

इस पाठ में आप पढेंगे की आखिरकार हमारे देश भारत का विभाजन कैसे हुआ, क्यों हुआ, क्या कारण थे की भारत का विभाजन करना पड़ा। इन सभी बिंदुओं को  इस पाठ में समझेंगे। Bharat Ka Vibhajan भारत का विभाजन

परिचय 

हमारे देश भारत का विभाजन 20वीं सदी की सबसे दुखद और त्रासदीपूर्ण घटनाओं में से एक है। भारत का यह विभाजन 1947 में ब्रिटिश भारत को दो स्वतंत्र राष्ट्रों, भारत और पाकिस्तान के बीच में विभाजित करने का परिणाम था। भारत के विभाजन की प्रक्रिया और उसके परिणामस्वरूप हुए भीषण दंगों, विस्थापन और हिंसा ने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया और अनेकों की जिंदगियों को ख़तम कर दिया था। Bharat Ka Vibhajan भारत का विभाजन

विभाजन की पृष्ठभूमि

भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ हो रहे स्वतंत्रता संग्राम 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में बहुत अधिक तीव्र हो गया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के जैसे राजनीतिक दलों ने स्वतंत्रता के लिए अपने-अपने तरीके से अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। मुस्लिम लीग, जिसकी अगुवाई मोहम्मद अली जिन्ना कर रहे थे उन्होंने 1940 में मुस्लिमों के लिए एक अलग मुस्लिम राज्य पाकिस्तान की मांग की। उनका यह तर्क था कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग राष्ट्र हैं और उन्हें अलग-अलग राष्ट्र होने चाहिए। Bharat Ka Vibhajan भारत का विभाजन

माउंटबेटन योजना

लॉर्ड माउंटबेटन  जो की भारत के अंतिम वायसराय थे उन्होंने विभाजन की यह योजना बनाई। माउंटबेटन की योजना के तहत भारत को दो स्वतंत्र डोमिनियन में विभाजित किया गया, भारत और पाकिस्तान। यह योजना 3 जून 1947 को घोषित कर दी गई और 15 अगस्त 1947 को लागू कर दी गयी। पाकिस्तान के दो हिस्से बने – पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) है। Bharat Ka Vibhajan भारत का विभाजन

विभाजन की प्रक्रिया

भारत के विभाजन की रेखा सर साइरिल रेडक्लिफ द्वारा खींची गई थी जिसको इस काम के लिए सिर्फ पांच हफ्ते का ही समय दिया गया था। रेडक्लिफ ने पंजाब और बंगाल के दो बड़े प्रांतों को विभाजित कर दिया, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों की अधिक मात्रा में आबादी थी। भारत के इस विभाजन की प्रक्रिया को बहुत ही जल्दबाजी में किया गया और इसमें अनेकों प्रशासनिक और मानवीय त्रुटियां हुईं। Bharat Ka Vibhajan भारत का विभाजन

विभाजन का परिणाम

भारत के विभाजन का परिणाम अत्यंत विध्वंसक और दर्दनाक साबित हुआ। विभाजन के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में लाखों लोग मारे गए थे और करोड़ों लोग इधर से उधर विस्थापित हो गए थे। हिंदू, सिख और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी, जिससे बहुत बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई। सभी लोग अपने घर-बार छोड़कर शरणार्थी बन गए और नई सीमाओं के पार जाने के लिए मजबूर हो गए।

विभाजन के सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

भारत के विभाजन ने भारतीय उपमहाद्वीप को स्थायी रूप से परिवर्तित कर दिया। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए जो की आज तक भी हैं और दोनों देशों के बीच कश्मीर सहित कई मुद्दों पर विवाद शुरू हो गए। देश के विभाजन की दर्दनाक यादें आज के समय में भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं और यह घटना दोनों देशों के बीच गहरे मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विभाजन का कारण आज के समय में भी बनी हुई है।

विभाजन के सबक

भारत देश का विभाजन एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखाता है कि धार्मिक और सांप्रदायिक विभाजन कितना अधिक विनाशकारी हो सकती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि आपसी सहिष्णुता, सामंजस्य और संवाद कितना अधिक महत्वपूर्ण है। विभाजन के परिणामस्वरूप हुए कष्ट और त्रासदी को देखते हुए, यह आवश्यक है कि हम अपने इतिहास से सबक लें सीखें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें।

निष्कर्ष

हमारे देश भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक और दर्दनाक घटना थी जिसने हमारे देश के लाखों लोगों की जिंदगियों को बुरी तरह से प्रभावित किया। यह घटना हमको याद दिलाती है कि विभाजन और संघर्ष का रास्ता हमारे सामने कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकता है। आज के समय में जब भी हम इस इतिहास को याद करते हैं तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सामूहिक सहिष्णुता, शांति और एकता की ओर आगे बढ़ें और ऐसे विभाजनों से बचें जो मानवता के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं।

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