The French Revolution Class 9 Notes History Chapter 1

The French Revolution Class 9 Notes History Chapter 1

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फ्रांसीसी क्रांति (The French Revolution)

परिचय (Introduction):

18वीं शताब्दी में फ्रांस में एक महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्रांति घटी जिसे ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कहा जाता है। यह क्रांति 1789 से 1799 तक चली और उसने फ्रांसीसी समाज के संरचनात्मक बदलाव की शुरुआत की। यह क्रांति न केवल फ्रांस में बल्कि पूरे यूरोप में एक प्रमुख समाजशास्त्रिय और राजनीतिक परिवर्तन का कारण बनी।

18वीं शताब्दी में फ्रांस में समाज में विभेद, असमानता, आर्थिक दुर्बलता और शास्त्रविद्या के कारण लोगों के बीच असंतोष बढ़ा।

विभिन्न तरह की उत्तराधिकारिता की वजह से अधिकारी वर्ग और पादरी जैसे व्यक्तियों को विशेष सुविधाएं मिलती थीं, जबकि आम जनता को कठिनाइयाँ जैसे कर व्यय और उच्च करों के चलते झेलनी पड़ती थी।

महत्वपूर्ण कारण (Significant Causes):

सामाजिक विभेद (Social Inequality): फ्रांसीसी समाज तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित था – पहली श्रेणी में चर्च और पादरी, द्वितीय श्रेणी में नोबल्स और अधिकारी, और तृतीय श्रेणी में आम जनता।

आर्थिक असमानता (Economic Inequality): आम जनता को उचित मानदंडों से वंचित करने के लिए अधिक कर व्यय और उच्च कर लगाए जाने की वजह से आर्थिक असमानता बढ़ी।

विद्रोहप्रिय विचारधारा (Radical Ideas): आयुध, साहसिकता, और समाज में सुधार की विचारधाराएं फैली और लोग आजादी की तलाश में आए।

महत्वपूर्ण घटनाएँ (Key Events):

तीन प्रशासनिक वर्ग (Three Estates):

प्रथम श्रेणी: चर्च और पादरी जैसे व्यक्तियों की थी, जिन्हें विशेष अधिकार मिले थे।

द्वितीय श्रेणी: नोबल्स और अधिकारी, जिन्हें सामाजिक उच्चतमता के साथ जन्म मिला था।

तृतीय श्रेणी: आम जनता, किसान, श्रमिक जिन्हें समाज में किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं मिलती थी।

इस्तेट्स-जनरल (Estates-General):

1. 1789 में राजा लुइस XVI ने इसे बुलाया जिसमें तीन वर्गों के प्रतिनिधियों को समस्याओं पर चर्चा करने का मौका मिला।

2. तीनों श्रेणियों के प्रतिनिधियों में विचार-विभिन्नता की वजह से परिणामस्वरूप नेशनल असेंबली की स्थापना हुई।

नेशनल असेंबली (National Assembly):

1. प्रतिनिधियों ने पहली बार एकत्रित होकर नेशनल असेंबली की स्थापना की, जिसने नये संविधान का निर्माण किया।

2. 1789 में, वे अपने हकों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाए और “मानवाधिकारों की घोषणा” की।

बस्तिल प्रकरण (Storming of the Bastille):

1. 14 जुलाई 1789 को जनसाधारण ने बस्तिल नामक जेल को हमला किया, जिसे इस समयकाल में एक प्रतीक घटना के रूप में माना जाता है।

2. यह घटना स्वतंत्रता और न्याय की मांग की प्रतीक बनी और क्रांति की शुरुआत के रूप में महत्वपूर्ण थी।

मानवाधिकारों की घोषणा (Declaration of the Rights of Man and of the Citizen):

नेशनल असेंबली ने 1789 में मानवाधिकारों की घोषणा की, जिससे सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, अवलंब और समानता के अधिकार प्राप्त हुए।

यह घोषणापत्र उन आदर्शों को प्रकट करता है जिन्होंने क्रांति की मुख्य दिशा निर्देशित की।

राजदरबार की विफलता और फ्रांसीसी संघर्ष (Fall of the Monarchy and French Commune):

1. 1792 में नेशनल असेंबली ने राजदरबार को गिराया और फ्रांस गणराज्य की स्थापना की।

2. फ्रांस के आसपास के देशों के साथ संघर्ष शुरू हुआ, जिसने उन्हें सुरक्षित नहीं बनाया।

रॉबिस्पियर की शासनकाल (Reign of Terror):

मार्क्सिस्ट रॉबिस्पियर के नेतृत्व में संविधान बनाया गया, लेकिन उनके शासनकाल में हजारों लोगों की यातनाएँ और वध हुए।

यह घटनाएं उनके आदर्शों की खलबली की और क्रांति के प्रति विश्वास को कमजोर किया।

विमुक्ति संगीत (Liberation Music): क्रांति के समय, विभागीयता के खिलाफ लोगों द्वारा गाये जाने वाले विमुक्ति संगीत और गाने एक नई उत्तेजना और एकता की भावना को उत्तेजित करते थे।

महिलाओं की भागीदारी (Women’s Involvement): क्रांति में महिलाएँ भी अभियानों, प्रदर्शनों, और सदस्यता में भाग ली, जिनसे उनका सामाजिक स्थान मजबूत हुआ।

सामाजिक सुधार (Social Reforms): क्रांति के प्रेरणास्त्रोत के रूप में, समाज में विशेष वर्गों के प्रति असमानता की खिलाफ समाजिक सुधारों की आवश्यकता की गई।

कृषि सुधार (Agricultural Reforms): क्रांति के परिणामस्वरूप किसानों के लिए कृषि सुधार किए गए और उन्हें अधिक अधिकार प्राप्त हुए।

कला और साहित्य में प्रेरणा (Inspiration in Arts and Literature): क्रांति ने कला, साहित्य, और संगीत में नए रूपों की प्रेरणा प्रदान की, जिनसे एक नया सांस्कृतिक उत्थान हुआ।

सामाजिक समर्थन (Social Support): क्रांति के दौरान नागरिकों ने एक दूसरे के साथ सहयोग किया और समर्थन प्रदान किया, जिससे एकता की भावना बढ़ी।

नए संविधान का निर्माण (Creation of New Constitution): नेशनल असेंबली द्वारा नए संविधान की रचना की गई, जो नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता था।

राष्ट्रिय भावना (National Sentiment): क्रांति ने एक राष्ट्रिय भावना को उत्तेजित किया और लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत किया।

विशेषज्ञता में सुधार (Reforms in Specializations): क्रांति ने शिक्षा, विज्ञान, और तकनीकी क्षेत्रों में भी सुधार किए, जिससे नवाचार और विकास हुआ।

राष्ट्रपति चुनाव (Election of the President): फ्रांसीसी क्रांति के बाद पहली बार लोगों ने राष्ट्रपति का चयन किया, जिससे नागरिकों का संविधानिक संकेत मजबूत हुआ।

फ्रांसीसी क्रांति का समापन

फ्रांसीसी क्रांति का समापन उस समय हुआ जब नेपोलियन बोनापार्ट ने 1799 में सत्ता पर कब्जा किया और फ्रांस में नए सत्ताधारी व्यवस्था की शुरुआत की। इससे फ्रांसीसी क्रांति का एक नया चरण आरंभ हुआ जो क्रांति की प्रारंभिक उद्देश्यों को लेकर नए दिशानिर्देशों की ओर ले गया।

नेपोलियन का सत्ताभिषेक 1804 में फ्रांस में स्वतंत्रता की सीमाएँ कम कर दी और वह खुद को “फ्रांस का सभापति” (Emperor of the French) घोषित किया। उन्होंने सैन्य और शासन की मजबूती के माध्यम से देश में स्थिरता प्रदान की, लेकिन उनके शासनकाल में वे देश को एक समर्थनशील साम्राज्य में बदल दिया।

नेपोलियन द्वारा शुरू किए गए सुधार और नए कानूनी निर्माण ने फ्रांसीसी समाज में स्थिरता और सुरक्षा की स्थापना की, परन्तु यह सुधार भी समय के साथ उसके आत्मप्रतिष्ठान में महत्वपूर्ण बदलावों के साथ आया।

नेपोलियन का शासन अवश्यमेव समाप्त होना था और 1815 में वाटरलू के युद्ध में उनकी पराजय हो गई। उन्हें स्थानांतरित किया गया और उनके शासनकाल का अंत हुआ। इससे फ्रांस में मॉनार्की का पुनरावलोकन हुआ और बाद में तीसरी गणराज्य की स्थापना हुई, जो 19वीं सदी के अंत तक चला।

फ्रांसीसी क्रांति का समापन दिखाता है कि यह एक बड़े सोच की अवश्यकता है जब कोई समाज में सुधारना चाहता है। यह एक महत्वपूर्ण सिख देता है कि सुधार और प्रगति का मार्ग समय के साथ बदल सकता है और उसमें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

फ्रांसीसी क्रांति का समापन नेपोलियन बोनापार्ट के आगमन और सत्ता में आने के साथ हुआ। निम्नलिखित संक्षेपित बिंदुओं में इसकी विवरण किया गया है:

नेपोलियन के आगमन: नेपोलियन बोनापार्ट एक प्रतिभाशाली सैन्य अफसर थे जिन्होंने फ्रांस की सत्ता पर कब्जा किया। वह 1799 में फ्रांस में सत्ता परिवर्तन करके कैसर (Emperor) बने।

कोदरिंगटन की प्राथम समझौता: नेपोलियन ने फ्रांस के शासक बनने के बाद प्राथम समझौता कोदरिंगटन के साथ किया, जिसमें ब्रिटिश राज्य और फ्रांस के बीच शांति की स्थापना हुई और यह फ्रांस के लिए एक समय सुरक्षितता की रखवाली का काम किया।

नेपोलियन की सत्ता की सुरक्षा: नेपोलियन ने सत्ता की सुरक्षा के लिए अपनी सैन्य को मजबूत किया और बाहरी खतरों का सामना किया। उन्होंने अपनी सैन्य को प्रशिक्षित किया और नवीनीकरण किया.

कोड नापोलियन: नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के कानूनों को संक्षिप्त किया और ‘कोड नापोलियन’ के रूप में प्रस्तुत किया, जो व्यक्तिगत और संपत्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने का उद्देश्य रखता था।

यूरोप में विस्तार: नेपोलियन ने अपने सामर्थ्य का इस्तेमाल करके फ्रांस साम्राज्य को यूरोप में विस्तारित किया। उन्होंने कई सभी संघवद राज्यों को जीता और अपने साम्राज्य का क्षेत्र बढ़ाया।

ताकतवर साम्राज्य: नेपोलियन के सत्ता में होने के समय, फ्रांस साम्राज्य यूरोप में एक ताकतवर राज्य बन गया था।

कांसुल का समापन: नेपोलियन ने अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए फ्रांस को एक कांसुलर सिस्टम के तहत संचालित किया और फिर 1804 में खुद को कैसर घोषित किया।

फ्रांस क्रांति की समाप्ति: नेपोलियन के सत्ता में आने से फ्रांस क्रांति की समाप्ति हुई और एक नया प्रशासनिक और सामाजिक क्रम स्थापित हुआ।

निष्कर्ष (Conclusion):

फ्रांसीसी क्रांति ने सामाजिक और राजनीतिक संरचना में गहरे बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया और मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के मूल्यों की महत्वपूर्णता को प्रमोट किया। यह क्रांति आज भी विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद की जाती है जिसने नए राष्ट्रधर्म, समाज और राजनीति के मानदंड स्थापित किए।

परीक्षा उपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न जो मुख्यतः परीक्षाओं में देखे जाते हैं। 

प्रश्न 1: फ्रांसीसी क्रांति क्या थी और उसके प्रमुख कारण क्या थे?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में फ्रांस में एक बड़ी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्रांति थी। इसके प्रमुख कारण समाज में विभेद, असमानता, आर्थिक असमानता, और शास्त्रविद्या के कारण लोगों के बीच असंतोष था।

प्रश्न 2: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान कैसे नेशनल असेंबली की स्थापना हुई और इसका क्या महत्व था?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, प्रतिनिधियों ने पहली बार एकत्रित होकर नेशनल असेंबली की स्थापना की। यह उन्हें संविधान बनाने का मौका दिया और नए आदर्शों की शुरुआत की।

प्रश्न 3: बस्तिल प्रकरण क्या था और इसका क्या महत्व था?

उत्तर: बस्तिल प्रकरण 14 जुलाई 1789 को हुआ था जब जनसाधारण ने फ्रांस के राजदरबार के एक कोठरी को हमला किया। यह घटना आजादी की भावना को उत्तेजित करने में महत्वपूर्ण थी और इसे क्रांति की शुरुआत के रूप में माना गया।

प्रश्न 4: मानवाधिकारों की घोषणा कब और कैसे हुई और इसका क्या महत्व था?

उत्तर: मानवाधिकारों की घोषणा 1789 में नेशनल असेंबली द्वारा की गई थी। इससे सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, अवलंब और समानता के अधिकार प्राप्त हुए, जो क्रांति की मुख्य दिशा को प्रकट करते थे।

प्रश्न 5: रॉबिस्पियर की शासनकाल क्या थी और उसके दौरान क्या हुआ?

उत्तर: रॉबिस्पियर की शासनकाल 1793 से 1794 तक चली। उसके दौरान उनके नेतृत्व में क्रूरता और यातनाएँ बढ़ी, जिनके परिणामस्वरूप “डर की शासनकाल” कही जाती है।

प्रश्न 6: फ्रांसीसी क्रांति का समापन कैसे हुआ और उसके बाद क्या हुआ?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का समापन 1799 में हुआ जब नेपोलियन बोनापार्ट ने सत्ता पर कब्जा किया। इसके बाद वह फ्रांस के नायक बने और एक नए युग की शुरुआत की।

प्रश्न 7: फ्रांसीसी क्रांति ने विश्व के इतिहास में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति ने लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को प्रमोट किया और विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में उभरी। इसके प्रेरणास्त्रोत के रूप में यह दुनिया भर में उत्तराधिकारिता और स्वतंत्रता की मांग को प्रोत्साहित किया।

प्रश्न 8: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान समाज में कैसे परिवर्तन हुए और जनमत से कौन-कौन से नए आदर्श उभरे?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, समाज में भारी परिवर्तन हुए। नई उत्तराधिकारिता और स्वतंत्रता के आदर्श उभरे और लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किये।

प्रश्न 9: फ्रांसीसी क्रांति के बाद का समयकाल कैसा था और उसमें क्या परिवर्तन हुए?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के बाद, फ्रांस में नेपोलियन बोनापार्ट के नेतृत्व में समाज में सुधार हुए। उन्होंने कई सुविधाएँ और नये कानून लागू किए जो समाज को सुधारने में मदद की।

प्रश्न 10: फ्रांसीसी क्रांति के आदर्श और सिख आज भी किस प्रकार से दुनिया के विचारधारा को प्रभावित करते हैं?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के आदर्श और सिख आज भी विचारधारा को प्रभावित करते हैं, क्योंकि वे स्वतंत्रता, समानता, और न्याय की महत्वपूर्णता को प्रमोट करते हैं और लोगों को उनके अधिकारों की रक्षा करने की महत्वपूर्णता को समझाते हैं।

प्रश्न 11: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान राष्ट्रीय असेंबली की क्या भूमिका थी और उसने कैसे समाज में परिवर्तन किए?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, राष्ट्रीय असेंबली ने नए संविधान का निर्माण किया और समाज में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए। यह नागरिकों को अधिकारों की रक्षा करने का मौका दिया और विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच समानता को प्रोत्साहित किया।

प्रश्न 12: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान राजा लुइस XVI की क्या भूमिका थी और उसके निर्णयों का क्या प्रभाव हुआ?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, राजा लुइस XVI की भूमिका विवादमय थी। उनके असावधान और अकारण निर्णयों के परिणामस्वरूप उनका सत्ता में विश्वास खो गया और उनके राजमंदी दूर हो गई।

प्रश्न 13: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान महिलाओं की क्या भूमिका थी और उन्होंने किस प्रकार से समाज में योगदान किया?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, महिलाएँ भी सक्रिय भूमिका निभाई और उन्होंने समाज में सुधार की दिशा में योगदान किया। उन्होंने समाज में समानता और न्याय की मांग की और स्वतंत्रता संग्रहण में भी भागीदारी दिखाई।

प्रश्न 14: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से उत्तराधिकारिता के सिद्धांत कैसे प्रसारित हुए और किस प्रकार से यह आज भी महत्वपूर्ण है?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से उत्तराधिकारिता के सिद्धांत बढ़े और विकसित हुए, जिन्होंने समाज में समानता, स्वतंत्रता और न्याय की महत्वपूर्णता को प्रमोट किया। आज भी ये सिद्धांत दुनिया भर में लोगों की सोच को प्रभावित करते हैं और उन्हें समाज में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

प्रश्न 15: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान साहित्य, कला और संस्कृति में कैसे परिवर्तन हुए और इसका क्या महत्व था?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, साहित्य, कला और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। यह समाज में नए आदर्शों की ओर प्रसारण की दिशा में था, जिन्होंने स्वतंत्रता, समानता और न्याय के मुद्दे को उजागर किया।

प्रश्न 16: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान नेपोलियन बोनापार्ट की क्या भूमिका थी और उसके प्रमुख कार्य क्या थे?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के बाद, नेपोलियन बोनापार्ट ने सत्ता पर कब्जा किया और फ्रांस को सुधारने का काम किया। उन्होंने नए कानून और सुविधाएँ लागू की, और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार किए।

प्रश्न 17: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से यूरोप में कैसे बदलाव आये और विश्व इतिहास में इसका क्या महत्व है?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से यूरोप में राजतंत्र, पुरातन सिद्धांतों की चुनौती, और समाज में सुधार की मांग बढ़ी। इसने राजवादे की प्रभावशीलता को कम किया और नए आदर्शों की स्थापना की।

प्रश्न 18: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से विश्व में कैसे आदर्शों की बोधना हुई और कौन-कौन से आदर्श विकसित हुए?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से विश्व में स्वतंत्रता, समानता, न्याय और नागरिकों के अधिकारों की महत्वपूर्णता की बोधना हुई। इसके परिणामस्वरूप आदर्शों की स्थापना हुई जो आज भी महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 19: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से भारत में कैसे परिवर्तन हुए और क्रांति के आदर्श कैसे प्रेरित करे?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से भारत में स्वतंत्रता संग्रहण की मांग बढ़ी और लोगों में जागरूकता बढ़ी। क्रांति के आदर्श ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया और उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने की महत्वपूर्णता समझाई।

प्रश्न 20: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान समाज में असमानता कैसे प्रमोट हुई और इसके प्रभाव क्या रहे?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, समाज में असमानता उभरी क्योंकि अधिकारों की अनधिकृत वितरण था। यह उन्हें अपने अधिकारों की मांग करने के लिए प्रेरित किया और समाज में सुधार की दिशा में परिवर्तन लाया।

प्रश्न 21: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से कौन-कौन से नए राष्ट्र उत्पन्न हुए और वे किस प्रकार के सिद्धांतों का पालन करते थे?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से कई नए राष्ट्र उत्पन्न हुए, जिनमें से कुछ उत्तराधिकारिता, स्वतंत्रता, और समानता के सिद्धांतों का पालन करते थे। उन्होंने नए संविधान और नीतियों की स्थापना की जो उन सिद्धांतों को प्रमोट करते थे।

प्रश्न 22: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से शिक्षा और विज्ञान में कैसे परिवर्तन हुए और उसका क्या महत्व था?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से शिक्षा और विज्ञान में भी परिवर्तन हुआ। शिक्षा को समाज में अधिक पहुँचाने का प्रयास किया गया और विज्ञान में नए उत्पादों की खोज हुई। यह समाज में विश्वास की नई दृष्टि को प्रेरित करता है।

प्रश्न 23: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से आर्थिक परिस्थितियाँ कैसे प्रभावित हुईं और उसका क्या प्रभाव रहा?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से आर्थिक परिस्थितियाँ में बदलाव आया, क्योंकि असमानता और आर्थिक असमानता के खिलाफ संघर्ष बढ़ा। यह समाज में आर्थिक न्याय की मांग को प्रोत्साहित करता है और आर्थिक सुधार की दिशा में परिवर्तन लाता है।

प्रश्न 24: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से धार्मिकता और धार्मिक स्वतंत्रता पर कैसा प्रभाव पड़ा और यह किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करी?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से धार्मिकता में परिवर्तन हुआ और लोगों में नए धार्मिक आदर्शों की प्रेरणा हुई। धार्मिक स्वतंत्रता की मांग बढ़ी, लेकिन इसने धार्मिक समुदायों के बीच भिन्नता और विवादों का सामना किया।

प्रश्न 25: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से महिलाओं की स्थिति में कैसे परिवर्तन हुआ और वे कैसे समाज में अधिक सक्रिय हुईं?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ और उन्हें समाज में अधिक सक्रिय भूमिका मिली। महिलाएँ नवाचारों के प्रेरणास्त्रोत बनीं और सामाजिक सुधार में भागीदारी दिखाई।

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