In this post we are going to discuss about the मंडल आयोग (Mandal Ayog)
मंडल आयोग (Mandal Ayog)
मंडल आयोग (Mandal Ayog) भारतीय समाज के संरचनात्मक परिवर्तन और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। 1979 में भारत सरकार द्वारा गठित यह आयोग, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आकलन करने और उनके कल्याण के लिए सिफारिशें देने के उद्देश्य से बनाया गया था। इस आयोग का नाम इसके अध्यक्ष, बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल के नाम पर रखा गया था।
पृष्ठभूमि
स्वतंत्रता के बाद, भारतीय समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए गए। हालांकि, जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता बनी रही। 1953 में गठित काका कालेलकर आयोग ने OBC के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। इसके बाद, 1979 में जनता पार्टी की सरकार ने मंडल आयोग (Mandal Ayog) का गठन किया।
आयोग का कार्य
मंडल आयोग का मुख्य कार्य यह था कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का अध्ययन करे और उनके लिए आरक्षण सहित अन्य उपाय सुझाए। आयोग ने देश भर में सर्वेक्षण और अध्ययन किए और 1980 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सिफारिशें
मंडल आयोग ने यह पाया कि भारतीय समाज में OBC की स्थिति अत्यंत पिछड़ी हुई है और उन्हें समान अवसर प्रदान करने के लिए विशेष उपायों की आवश्यकता है। आयोग ने कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की, जिनमें प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
1. 27% आरक्षण:- सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में OBC के लिए 27% आरक्षण प्रदान किया जाए।
2. संविधान संशोधन:- OBC को आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान में आवश्यक संशोधन किए जाएं।
3. आर्थिक और शैक्षिक सुधार:- OBC के आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए विशेष योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए जाएं।
प्रभाव और विवाद
1990 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल आयोग (Mandal Ayog) की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की। इस घोषणा ने देश भर में व्यापक विरोध और समर्थन दोनों ही उत्पन्न किए। छात्रों और अन्य समूहों के बीच विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं भी हुईं। हालांकि, इस आरक्षण नीति ने OBC समुदाय को सामाजिक और आर्थिक उन्नति का अवसर प्रदान किया।
निष्कर्ष
मंडल आयोग भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसकी सिफारिशों ने OBC समुदाय के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए और उन्हें समाज में समान अवसर प्राप्त करने में मदद की। हालांकि, यह प्रक्रिया विवादास्पद रही, लेकिन लंबे समय में इसने भारतीय समाज को अधिक समतामूलक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंडल आयोग की सिफारिशों का प्रभाव आज भी भारतीय समाज में देखा जा सकता है, जहां सामाजिक न्याय और आरक्षण के मुद्दे लगातार चर्चा और बहस का विषय बने हुए हैं।
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