Democracy in the Contemporary World Class 9 Notes Civics Chapter 1

Democracy in the Contemporary World Class 9 Notes Civics Chapter 1

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समकालीन दुनिया में लोकतंत्र

परिचय:

1- लोकतंत्र का अर्थ लोगों की शासन करने की प्रक्रिया है जिसमें नागरिकों को नेताओं का चयन करने का अधिकार होता है।

2 – यह एक महत्वपूर्ण शासन तंत्र है जो विकास, समरसता और स्वतंत्रता की संरचना सुनिश्चित करता है।

लोकतंत्र की विशेषताएँ:

प्रतिनिधित्व: नागरिक नेताओं का चयन करके शासन की प्रक्रिया में भाग लेते हैं, जिससे प्रतिनिधित्व की प्रक्रिया स्थापित होती है।

संविधानिक शासन: एक संविधान के माध्यम से सत्ता की सीमाएँ तय की जाती है और नागरिकों के मौजूदा समस्याओं का समाधान किया जाता है।

मानवाधिकार: लोकतंत्र मानवाधिकारों की सर्वोच्चता को प्राथमिकता देता है, जैसे कि स्वतंत्रता, समानता और न्याय।

लोकतंत्र के प्रकार:

निष्पक्ष लोकतंत्र: इस प्रकार के लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्षता के साथ होते हैं और नागरिकों को स्वतंत्रता होती है अपने प्रतिनिधियों का चयन करने में।

उपनिवेशी लोकतंत्र: इस प्रकार के लोकतंत्र में संविधान के अधीन नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता होती है, लेकिन संविधान की कुछ मर्ज़ी सीमाओं के अंतर्गत रहती है।

पूर्ण लोकतंत्र: इस प्रकार के लोकतंत्र में संविधान के अधीन सभी नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता होती है और संविधान में सुरक्षित होती है।

लोकतंत्र की चुनौतियाँ:

सामाजिक असमानता: कुछ वर्गों के नागरिकों के पास ज्यादा सत्ता और संसाधन होते हैं, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ती है।

जातिवाद और आतंकवाद: जातिवाद और आतंकवाद जैसी समस्याएँ लोकतंत्र के विकास में बाधाएँ पैदा कर सकती हैं।

चुनावी प्रक्रिया: चुनाव की प्रक्रिया में धन, जाति, धर्म आदि के आधार पर विभाजन हो सकता है, जिससे निष्पक्षता की स्थिति को प्रभावित किया जा सकता है।

विश्व में लोकतंत्र:

विभिन्न देशों में लोकतंत्र के प्रकार: पार्लियामेंटरी और प्रेसिडेंशियल लोकतंत्र, संघवादी और संघवादी नहीं लोकतंत्र के उदाहरण हैं।

भारतीय लोकतंत्र: भारत एक पार्लियामेंटरी लोकतंत्र है जिसमें नागरिक नेताओं का चयन मतदान द्वारा होता है।

संविधान: भारतीय संविधान में मानवाधिकार, मौलिक अधिकार और संरक्षण के अधिकार शामिल हैं।

नागरिकों की भागीदारी:

मतदान: नागरिक सहभागिता का प्रतीक मतदान है, जिससे वे अपने प्रतिनिधियों का चयन कर सकते हैं।

समाजिक आराम्भिकता: नागरिकों को समाज में आराम्भिकता की भावना होती है कि वे सरकार के साथ सहयोग करें और समाज में सुधार को प्राथमिकता दें।

लोकतंत्र के प्रभाव:

शिक्षा: लोकतंत्र में शिक्षा को महत्व दिया जाता है, जो नागरिकों को समाज में जागरूक बनाती है और उन्हें समाजिक सुधार के लिए प्रेरित करती है।

सामाजिक संगठन: लोकतंत्र समाज में नागरिकों को स्वतंत्रता मिलती है सामाजिक संगठन बनाने और सहयोग करने के लिए।

लोकतंत्र के लाभ:

स्वतंत्रता: लोकतंत्र नागरिकों को स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है जिससे वे अपने विचारों और धार्मिक अधिकारों का उपयोग कर सकते हैं।

विकास: लोकतंत्र में सरकारें लोगों की आवश्यकताओं के अनुसार नीतियाँ बना सकती हैं, जिससे समाज में विकास हो सकता है।

न्याय: लोकतंत्र समाज में न्याय की स्थापना करता है, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार और विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं।

भारतीय लोकतंत्र:

संविधान: भारतीय संविधान ने नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और धर्मनिरपेक्षता के अधिकार प्रदान किए हैं।

चुनाव: भारत में स्थानीय, राज्य और केंद्रीय स्तर के चुनाव नियमित अंतरालों पर होते हैं, जिनसे नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चयन कर सकते हैं।

सामाजिक सांस्कृतिक प्रतिष्ठान:

1 – लोकतंत्र सामाजिक सांस्कृतिक प्रतिष्ठान को बढ़ावा देता है और उसके माध्यम से सभी वर्गों को समान मौके मिलते हैं।

2 – स्वतंत्र मीडिया: लोकतंत्र देशों में मीडिया को स्वतंत्रता मिलती है, जिससे नागरिकों को सटीक और विश्वसनीय समाचार मिलता है।

लोकतंत्र में सामाजिक सामान्यता:

1 – लोकतंत्र में सामाजिक सामान्यता का प्रोत्साहन होता है। यह विभिन्न जातियों, वर्गों और धर्मों के लोगों को एक सामान मंच पर आने का अवसर प्रदान करता है।

2 – लोकतंत्र समाज में समानता की भावना को बढ़ावा देता है और विभिन्न समुदायों के लोगों के अधिकारों का समर्थन करता है।

लोकतंत्र के आवश्यकताएँ:

निष्पक्षता: लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष और ईमानदार चुनाव प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्वतंत्र मीडिया: मीडिया की स्वतंत्रता लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक होती है, क्योंकि यह नागरिकों को सही और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करती है।

सिविल सोसाइटी: समाज के नागरिकों की गैर सरकारी संगठनों और यात्राओं के माध्यम से सहयोग करने से लोकतंत्र की मजबूती बढ़ती है।

आधारभूत मानवाधिकार:

1 – लोकतंत्र मानवाधिकारों की प्राथमिकता को मानता है, जैसे कि स्वतंत्रता, जीवन, स्वतंत्रता of विचार, संघटना और धर्मनिरपेक्षता।

2 – सामान्य नागरिकों के लिए उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और विकास के मौके उपलब्ध कराने के लिए लोकतंत्र का माध्यम होता है।

लोकतंत्र की सीमाएँ:

1 – लोकतंत्र में भी सीमाएँ होती हैं, जैसे कि नागरिकों के अधिकारों की सीमा तय करने के लिए कई नियम और प्रतिबंध होते हैं।

2 – चुनावी धन: चुनावी धन के प्रवाह ने कई देशों में चुनाव प्रक्रिया की स्थिति को प्रभावित किया है, जिससे दोषों की उत्पत्ति हो सकती है।

संविधानिक संरचना:

1 – लोकतंत्र में संविधान का महत्वपूर्ण योगदान होता है, क्योंकि यह सत्ता की सीमाएँ तय करता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।

2 – संविधान में निर्धारित नियमों और प्रावधानों का पालन करने से समाज में न्याय और समानता की स्थापना होती है।

लोकतंत्र का संरक्षण:

1 – लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए समाज के नागरिकों को सतर्क रहने और अपने अधिकारों का संरक्षण करने की आवश्यकता होती है।

2 – संविधान और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से लोकतंत्र की सुरक्षा और सद्भावना की रक्षा की जाती है।

संपर्क और विश्वास:

1 – लोकतंत्र में सरकारें अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और उनके विश्वास को जीतने का प्रयास करती हैं।

2 – संपर्क और सहयोग के माध्यम से नागरिक अपनी आवश्यकताओं को सरकार के सामने रख सकते हैं और समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

लोकतंत्र की महत्वपूर्ण भूमिकाएँ:

नागरिक सहयोग: लोकतंत्र की सफलता में नागरिकों का सहयोग महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि मतदान करके अपने प्रतिनिधियों का चयन करना।

संविधान और कानून: संविधान और कानूनों का पालन करने से लोकतंत्र की नियमितता बनी रहती है और न्याय स्थापित होता है।

लोकतंत्र की समस्याएँ:

पॉप्युलिस्म: कई बार नेता आवश्यकता के स्थान पर जनमत प्राप्त करने के लिए पॉप्युलिस्म का आव्हान करते हैं, जिससे सच्चे मुद्दों की अवहेलना होती है।

समाजिक असमानता: विकास के क्षेत्र में समाजिक असमानता लोकतंत्र को कमजोर कर सकती है, क्योंकि सभी लोग समान रूप से सहभागी नहीं होते।

लोकतंत्र के परिणाम:

सामाजिक विकास: लोकतंत्र में सरकार लोगों की आवश्यकताओं के आधार पर नीतियाँ बना सकती है जो सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।

स्वतंत्र मीडिया: लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता होती है जिससे समाचार और जानकारी को स्वतंत्रता से प्रकट किया जा सकता है।

समाजिक सामान्यता: लोकतंत्र में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को समान मंच पर आने का मौका मिलता है, जिससे समाज में सामाजिक सामान्यता की भावना बढ़ती है।

निष्कर्ष:

1 – लोकतंत्र एक महत्वपूर्ण शासन तंत्र है जो स्वतंत्रता, समानता और न्याय को सुनिश्चित करता है।

2 – नागरिकों की भागीदारी और सहयोग से ही लोकतंत्र की सफलता संभव है।

परीक्षा उपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न जो मुख्यतः परीक्षाओं में देखे जाते हैं।

प्रश्न 1: लोकतंत्र क्यों महत्वपूर्ण है? 

उत्तर: लोकतंत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नागरिकों को स्वतंत्रता, सामान्यता और पारिस्थितिकी न्याय के मूल अधिकार प्रदान करता है। यह समाज में सशक्तिकरण, विकास और अधिकतरीकरण की सामर्थ्य पैदा करता है।

प्रश्न 2: लोकतंत्र के मुख्य सिद्धांत क्या हैं? 

उत्तर: लोकतंत्र के मुख्य सिद्धांतों में शासनकर्ता की जनमत से प्राप्त सत्ता, नागरिकों के अधिकार और निष्पक्षता का पालन, स्वतंत्र मीडिया, सामाजिक सामान्यता आदि शामिल हैं।

प्रश्न 3: लोकतंत्र में मीडिया का क्या भूमिका होता है? 

उत्तर: लोकतंत्र में मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह समाचार, जानकारी और विचारों का माध्यम होता है जो नागरिकों को जागरूक बनाता है और सरकार की परिकल्पनाओं को परिक्षण करता है।

प्रश्न 4: लोकतंत्र में सामाजिक सामान्यता क्यों महत्वपूर्ण है? 

उत्तर: सामाजिक सामान्यता लोकतंत्र की आधारभूत भूमिका निभाती है क्योंकि यह समाज में भेदभाव को कम करती है और विभिन्न समुदायों के लोगों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करती है।

प्रश्न 5: लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया क्यों महत्वपूर्ण है? 

उत्तर: चुनावी प्रक्रिया लोकतंत्र की मूल चरण होती है, क्योंकि यह नागरिकों को सत्ता के प्रति अपने विचार का प्रकटीकरण करने का मौका देती है। यह भरसक मतदान करने के बाद सत्ता के प्रति नागरिकों की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।

प्रश्न 6: लोकतंत्र के परिप्रेक्ष्य में क्या होते हैं? 

उत्तर: लोकतंत्र के परिप्रेक्ष्य में नागरिकों के अधिकार, सरकार की प्रतिक्रिया, सामाजिक सामान्यता, न्यायपालिका की भूमिका, मीडिया का काम, समस्याओं का समाधान आदि की विचारधारा शामिल होती है।

प्रश्न 7: लोकतंत्र में नागरिक सहभागिता क्यों महत्वपूर्ण है? 

उत्तर: नागरिक सहभागिता लोकतंत्र की शीर्षतम आवश्यकता होती है, क्योंकि यह नागरिकों को सरकार के निर्णयों में सहभागी बनाता है और सरकार को उनकी मांगों और आवश्यकताओं की समझ में मदद करता है।

प्रश्न 8: लोकतंत्र के प्रभाव में शिक्षा का क्या महत्व है? 

उत्तर: लोकतंत्र में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है, क्योंकि यह नागरिकों को समाज में जागरूक बनाती है और उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों की समझ प्रदान करती है।

प्रश्न 9: लोकतंत्र में समाजिक संगठन क्यों महत्वपूर्ण होते हैं? 

उत्तर: समाजिक संगठन लोकतंत्र के महत्वपूर्ण घटक होते हैं क्योंकि ये नागरिकों को एक साथ आने, आपसी सहयोग करने और अपनी मांगों को सरकार के सामने प्रस्तुत करने का माध्यम प्रदान करते हैं।

प्रश्न 10: लोकतंत्र में समाज में सामाजिक सामान्यता की भावना को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है? 

उत्तर: सामाजिक सामान्यता की भावना को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा में समानता को प्रमोट करने, असमानता के खिलाफ उद्घाटन करने, सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने आदि की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 11: लोकतंत्र के परिप्रेक्ष्य में मीडिया की जिम्मेदारी क्या होती है? 

उत्तर: मीडिया की जिम्मेदारी होती है कि वह सच्ची और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करे, नागरिकों को जागरूक करे, सरकार की कार्यवाही की परीक्षण करे और सामाजिक समस्याओं को उजागर करे।

प्रश्न 12: लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया क्यों महत्वपूर्ण होता है? 

उत्तर: स्वतंत्र मीडिया लोकतंत्र में सत्ता की पारिस्थितिकी को परीक्षण करने का माध्यम होता है, जिससे यह समाचार और जानकारी को निष्पक्षता से प्रस्तुत कर सकता है।

प्रश्न 13: लोकतंत्र में सरकार की जिम्मेदारी क्या होती है? 

उत्तर: सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह नागरिकों की आवश्यकताओं और मांगों की समझ में हो, सामाजिक सामान्यता को बढ़ावा देने का प्रयास करे, निष्पक्षता का पालन करे और सामाजिक समस्याओं का समाधान करे।

प्रश्न 14: लोकतंत्र में न्यायपालिका की क्या भूमिका होती है? 

उत्तर: न्यायपालिका की भूमिका होती है कि वह समाज में न्याय और इन्साफ की सुनिश्चितता करे, सरकार की पारिस्थितिकी को निष्पक्षता से परीक्षण करे और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे।

प्रश्न 15: लोकतंत्र में सामाजिक असमानता कैसे कम की जा सकती है? 

उत्तर: सामाजिक असमानता को कम करने के लिए सरकार को समाज में सामाजिक समानता के लिए उपाय करने चाहिए, शिक्षा में समानता को प्रोत्साहित करने चाहिए, समाज में जागरूकता फैलाने चाहिए और विभिन्न समुदायों के बीच समझौता करने चाहिए।

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