Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

In this post we are going to discuss about the Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

भारत छोड़ो आंदोलन क्या था?

आज के इस पाठ में आप जानने वाले हैं की आखिरकार भारत छोडो आंदोलन क्या था? भारत छोडो आंदोलन क्यों शुरू किया गया किसने शुरू किया और क्या कारण था इसके शुरू होने के, सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को हम समझेंगे। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

भारत छोड़ो आंदोलन

भारत छोड़ो आंदोलन, जिसको अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एकबहुत ही महत्वपूर्ण और निर्णायक चरण था। भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया और इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत के तुरंत समाप्त करना था। भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सत्र के समय में शुरू किया गया था। उस समय में “भारत छोड़ो” का नारा स्वतंत्रता संग्रामियों के मनोबल को ऊंचा करने और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ एकता को प्रदर्शित करने का प्रतीक बन गया। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

पृष्ठभूमि

जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था तो उस दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत को बिना किसी परामर्श के युद्ध में शामिल कर लिया था। इससे भारतीय नेताओं में बहुत आक्रोश फैल गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत को युद्ध सामग्री और सैनिकों के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन भारतीय जनता को इसके बदले में कुछ भी नहीं मिला। क्रिप्स मिशन, जो 1942 में भारत आया था वह भी भारतीयों को उनका आत्म-शासन देने में असफल रहा। इन सभी कारणों से भारतीय जनता और नेताओं का धैर्य पूर्ण रूप से समाप्त हो गया और उन्होंने स्वतंत्रता की मांग को और अधिक तीव्र कर दिया। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

आंदोलन की शुरुआत

8 अगस्त 1942 को मुंबई में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सत्र में महात्मा गांधी ने “करो या मरो” का नारा दिया। उन्होंने अपने इस भाषण में स्पष्ट कर दिया कि अब समय आ गया है कि भारत की जनता अब ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करे। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के इस सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें ब्रिटिश सरकार से तुरंत भारत छोड़ने की मांग की गई। इस प्रस्ताव को “भारत छोड़ो प्रस्ताव” के नाम से भी जाना जाता है। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

आंदोलन की विशेषताएं

1. जन आंदोलन – भारत छोड़ो आंदोलन एक प्रकार से बहुत व्यापक जन आंदोलन था, जिसमें किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों, महिलाओं और विभिन्न वर्गों के लोगों ने अधिक से अधिक मात्रा में भाग लिया। भारत छोड़ो आंदोलन देश के हर कोने में फैल गया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ बहुत ही व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।

2. अहिंसा – लोगों के हित को देखते हुए महात्मा गांधी ने आंदोलन को अहिंसात्मक बनाने का प्रयास किया। हालांकि, इसके बावजूद कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं भी हुईं, लेकिन गांधीजी ने हमेशा अहिंसा पर जोर दिया और हिंसा से दूर रहने का प्रयास किया।

3. नेताओं की गिरफ्तारी – भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत होते ही ब्रिटिश सरकार ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद और अन्य सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। परन्तु इन सभी के  गिरागतार होने से आंदोलन को और भी बल मिला और जनता ने बिना नेतृत्व के ही संघर्ष को भी जारी रखा।

4. संपूर्ण असहयोग – भारत छोड़ो आंदोलन के समय में भारतीय जनता ने ब्रिटिश प्रशासन, न्यायपालिका, पुलिस, और अन्य सरकारी संस्थाओं के साथ असहयोग किया। कई स्थानों पर सरकारी कार्यालयों पर हमले किए गए और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।

आंदोलन के प्रभाव

भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव बहुत गहरे रहे। भारत छोड़ो आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई ऊर्जा शक्ति भर दी। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ व्यापक जनाक्रोश और असंतोष ने सरकार को पूर्ण रूप से हिला दिया। ब्रिटिश सरकार ने इस आंदोलन को दबाने के लिए अपनी तरफ से कठोर कदम उठाए, लेकिन आंदोलन की व्यापकता और भारतीय जनता की एकजुटता और सहभागिता ने ब्रिटिश शासन को कमजोर कर दिया। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

स्वतंत्रता की दिशा में कदम

भारत छोड़ो आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार को यह बात समझ में आ गयी कि अब भारत पर शासन करना और अधिक संभव नहीं है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य की शक्ति कमजोर हो गई थी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की मांग और भी प्रबल हो गई थी इसीलिए 1947 में, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित हुआ और 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

निष्कर्ष

भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। भारत छोड़ो आंदोलन ने भारतीय जनता में स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता और संकल्प को और अधिक मजबूत किया जिससे सभी लोग एकजुट हुए। महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह आंदोलन अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों पर आधारित था, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा और गति प्रदान करी। भारत छोड़ो आंदोलन के माध्यम से भारत की जनता ने यह साबित कर दिया कि वे स्वतंत्रता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और अंततः उन्होंने अपने इस संकल्प और संघर्ष से स्वतंत्रता प्राप्त कर ली। Bharat Chhodo Andolan Kya Tha?

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