In this post we are going to discuss about the अनुच्छेद 370 (Article 370)
अनुच्छेद 370 (Article 370)
अनुच्छेद 370 (Article 370) भारतीय संविधान का एक विशेष प्रावधान था जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता प्रदान करता था। इस प्रावधान के तहत जम्मू और कश्मीर को भारतीय संघ में विशेष स्थिति प्राप्त थी। यह लेख अनुच्छेद 370 के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाने के लिए है।
धारा 370 में क्या होता है?
अनुच्छेद 370 (Article 370) भारतीय संविधान का वह प्रावधान था जो जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता प्रदान करता था। इस धारा के अंतर्गत, जम्मू और कश्मीर को अपना संविधान बनाने का अधिकार था और भारत की संसद के अधिकांश कानून इस राज्य पर तब तक लागू नहीं होते थे जब तक कि राज्य की संविधान सभा उन्हें मंजूरी नहीं देती थी। इसके अलावा, भारतीय नागरिकता, संपत्ति अधिकार, और सरकारी नौकरियों में विशेष रियायतें प्रदान की गईं।
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है?
अनुच्छेद 370 (Article 370) पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2018 में आया, जिसमें कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान करता है, लेकिन यह स्थायी नहीं है और इसे संविधान संशोधन द्वारा हटाया जा सकता है।
धारा 370 हटाने से क्या फायदा है?
धारा 370 हटाने के कई फायदे हैं:
- राष्ट्रीय एकीकरण: धारा 370 हटने से जम्मू और कश्मीर भारत का पूर्ण रूप से अभिन्न अंग बन गया है, जिससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिला है।
- विकास की संभावनाएं: इससे जम्मू और कश्मीर में विकास परियोजनाओं और निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं।
- सामाजिक समानता: धारा 370 हटने से सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू और कश्मीर में संपत्ति खरीदने और बसने का अधिकार मिला है।
- संवैधानिक समानता: अब भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू और कश्मीर पर भी लागू होते हैं।
आर्टिकल 370b क्या है?
आर्टिकल 370b भारतीय संविधान में अलग से मौजूद नहीं है। यह संभवतः अनुच्छेद 370 के तहत किए गए किसी संशोधन या व्याख्या को संदर्भित कर सकता है। अनुच्छेद 370 का प्रमुख हिस्सा धारा 370 ही है, जिसमें जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता दी गई थी।
अनुच्छेद 370 के प्रावधान क्या हैं?
अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित थे:
- विशेष स्वायत्तता: जम्मू और कश्मीर को अपना संविधान और ध्वज रखने का अधिकार था।
- सीमित केंद्रीय हस्तक्षेप: भारतीय संसद के अधिकांश कानून राज्य पर लागू नहीं होते थे जब तक कि राज्य की संविधान सभा उन्हें मंजूरी नहीं देती थी।
- नागरिकता: जम्मू और कश्मीर के नागरिकों को विशेष नागरिकता का दर्जा प्राप्त था।
- संपत्ति अधिकार: अन्य भारतीय नागरिकों को राज्य में संपत्ति खरीदने का अधिकार नहीं था।
- सरकारी नौकरियां: राज्य में सरकारी नौकरियों और अन्य अवसरों में विशेष रियायतें दी जाती थीं।
निष्कर्ष
अनुच्छेद 370 (Article 370) भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद प्रावधान था जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता प्रदान की थी। 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने इसे हटाने का निर्णय लिया, जिससे जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त हो गई। इस कदम ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चर्चा और बहस को जन्म दिया। धारा 370 हटने से जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय एकीकरण, विकास और समानता की दिशा में नए अवसर खुले हैं। इस बदलाव के प्रभावों को समझना और उसका विश्लेषण करना भारतीय संविधान और संघीय ढांचे की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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